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हम्हूँ पढ़ै लेॅ जैबोॅ / ब्रह्मदेव कुमार

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बेटा-माय गे, हम्में नै बकरी चरैबोॅ।
आजू से पढ़ै लेॅ, इस्कूल हम जैबोॅ।
माय गे हम नै बकरी चरैबोॅ
गे माय, हम्हूँ पढ़ै लेॅ जैबोॅ।
माय-बेटा रे, केना इस्कूल जैबेॅ।
बकरी नै चरैबें, तेॅ बोल की खैबे।
बेटा- झुनमा पढ़ै लेॅ जाय छै मैय्यो, टुनमा पढ़ै लेॅ जाय गे
हवेली के मुनमा आरो चुनमा पढ़ै ले जाय गे।
देखी-देखी हमरो जिया, पढ़ै लेॅ ललचाय गे।
माय- पेटोॅ में नै छो ओॅन रे बेटा, बोल्हैं केना पढ़बे रे
लोहरी-बिछी नै लानबे तेॅ, सब्भे भूखें मरबे रे।
की काम देतौ पढ़लें-लिखलें, केना केॅ बचतौ जान रे।
बेटा- संगी साथी दूर भगाय छै, लै छै लुलुवाय गे
बज्जड़ मुरूख कही, हमरा चिढ़ाय गे।
दिलोॅ में हिलोर मारै, जियरा ललाय गे।
माय- नै कर बदमासी बेटा, नै कर हरान रे
टुअर-टापर भेल्हैं रे बेटा, कमाय-कोड़ी लान रे।
मारवौ तोरा मुँहैं-मुँहैं, पढ़ै के जे लेल्हैं नाम रे।
बेटा- आधोॅ रोटी खैब्वो गे मैय्यो, तैय्यो इस्कूल जैबोॅ गे
नै तेॅ खाय केॅ जहर-माहुर, आजू हमेॅ मरबौ गे।
माय छेकैं कि बोल मैय्यो, छेकैं तों कसाय गे।
माय- हाय रे बेटा, हय कि बोललैं, ऐन्हों नै करिहैं काम रे
हिरदै हमरोॅ फाटै रे बेटा, थर-थर करै प्राण रे।
बोललैं जे बोललैं, आबेॅ नै बोलिहें
तोहीं हमरोॅ जान रे।
बेटा रे, तहूँ इस्कूल जैहें, सुग्गा रे, तहूँ पढ़ैलेॅ जैहें
नुनु रे, तहूँ इस्कूल जैहें, मैनी रे, तहूँ पढ़ै लेॅ जैहें।
फुचोॅ रे, तहूँ इस्कूल जैहें तहूँ पढ़ै लेॅ जैहें।