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हम तो तेरे साथ रहे / विनोद तिवारी

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हम तो तेरे साथ रहे
बात रहे बेबात रहे

इन कजरारी आँखों में
हम बन कर बरसात रहे

चाल भला क्या चलते हम
सब जीते हम मात रहे

चुप रह कर सहना सीखा
मन पर जो आघात रहे

किए देवता को अर्पण
फूल रहे जो पात रहे

हम सहेजते क्या सरवर
हम जल में जलजात रहे

पर ‘ढाई आखर’ थे हम
दुनिया में प्रख्यात रहे