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हम प्रकाश फैलायें / कमलेश द्विवेदी

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बड़ा काम हम नन्हें-मुन्ने करके आज दिखायें।
राष्ट्र-प्रेम का दीप जलाकर हम प्रकाश फैलायें।

चाहे हिन्दू हो या मुस्लिम,
चाहे सिख-ईसाई.
सभी नागरिक हैं भारत के,
सब हैं भाई-भाई.
कोई अगर समस्या आये मिल-जुल कर सुलझायें।
राष्ट्र-प्रेम का दीप जलाकर हम प्रकाश फैलायें।

मस्जिद भी प्यारी है हमको,
मंदिर भी है प्यारा।
प्यारा है गिरजाघर हमको,
प्यारा है गुरुद्वारा।
सबका आदर करें हम सभी सबको शीश नवायें।
राष्ट्र-प्रेम का दीप जलाकर हम प्रकाश फैलायें।

सुजला-सुफला-शस्य-श्यामला,
धरती अपनी माता।
इसकी माटी के कण-कण से,
अपना गहरा नाता।
इसकी खातिर जियें इसी की खातिर प्राण गवाँयें।
राष्ट्र-प्रेम का दीप जलाकर हम प्रकाश फैलायें।