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है सोई सकी पिया जू की प्यारी / संत जूड़ीराम

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है सोई सकी पिया जू की प्यारी।
रांची रंग पिया अपने की और जगत से मन भई न्यारी।
ज्ञान कछोट ध्यान सर जकड़ी छिमा सील औढ़े तन सारी।
बीज विवेक दिया को बेंदा सुमत को हार हिये में भारी।
नेवरा नेम जुगत की जेहर चलत चाल गति अति मतवारी।
तजि विभिचार मिली प्रीतम को जूड़ीराम दीदार समारी।