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हो अगर बारिश हवा भी रूख बदलेगी / अवधेश्वर प्रसाद सिंह

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हो अगर बारिश हवा भी रूख बदलेगी।
देख लेना बिजलियाँ भी खूब चमकेगी।।

अब कहाँ जायें बता हर ओर आफत है।
है घटा घनघोर बारिश झूम बरसेगी।।

रहनुमा का है पता क्या बाढ़ में देखो।
जेब में खैरात भी सब घूस जायेगी।।

आ गया सबको बुलावा चांद से देखो।
खुशनुमा माहौल करने हूर आयेगी।।

है ज़रूरत ज़िन्दगी में आपकी खुशियाँ।
सूझ जाते ही यहाँ फिर धूप आयेगी।।