भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

15 अगस्त / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पनरे अगस्त, पनरे अगस्त
भोरे-भोरे सब अस्त-ब्यस्त
झंडा फहरै छै बांसॉे में
राष्ट्रगान बसलोॅ सासों में।

भारत के ई राष्ट्र परब छै
मनबै सावा एक अरब छैै
बच्चा सब झूमै मस्त-मस्त
पनरे अगस्त, पनरे अगस्त।