भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पास-ए-अदब में जोश-ए-तमन्ना लिये हुए/ असग़र गोण्डवी

Kavita Kosh से
Shrddha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:21, 8 मार्च 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=असग़र गोण्डवी |संग्रह= }} Category:ग़ज़ल <poem> पास-ए-अदब ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पास-ए-अदब में जोश-ए-तमन्ना लिये हुए
मैं भी हूँ एक हुबाब में दरिया लिये हुए

रग-रग में और कुछ न रहा जुज़ ख़याल-ए-दोस्त
उस शोख़ को हूँ आज सरापा लिये हुए

सरमाया-ए-हयात है हिर्माने-ए-आशिक़ी
है साथ एक सूरत-ए-ज़ेबा लिये हुए

जोश-ए-जुनूँ में छूट गया आस्तान-ए-यार
रोते हैं मुँह में दामन-ए-सहरा लिये हुए

"असग़र" हुजूम-ए-दर्द-ए-ग़रीबी में उसकी याद
आई है इक तिलिस्मी तमन्ना लिये हुए