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RANJANJAIN

12 नवम्बर 2008

  • अव्वल अव्वल की दोस्ती है अभी / फ़राज़

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    17:25

  • अब वो मंजर, ना वो चेहरे ही नजर आते हैं / फ़राज़

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    17:23

  • संगदिल है वो तो क्यूं इसका गिला मैंने किया / फ़राज़

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    17:21

  • ख़ानाबदोश / फ़राज़

    no edit summary

    17:14

    +362

11 नवम्बर 2008

  • अच्छा था अगर ज़ख्म न भरते कोई दिन और / फ़राज़

    no edit summary

    21:54

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