• गृह
  • बेतरतीब
  • ध्यानसूची
  • सेटिंग्स
  • लॉग इन करें
  • कविता कोश के बारे में
  • अस्वीकरण

पृष्ठ इतिहास

ज़मीं-ज़मीं गुनाह है सजे हुए गुलाब से / निश्तर ख़ानक़ाही

2 जुलाई 2013

  • Sharda suman

    no edit summary

    13:45

    -105

  • Sharda suman

    '{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निश्तर ख़ानक़ाही }} {{KKCatGhazal}} <poem> 'ज़मी...' के साथ नया पन्ना बनाया

    13:44

    +1,572

  • Kavita Kosh

    • मोबाइल‌
    • डेस्कटॉप
  • गोपनीयता