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|कृतियाँ= तेरा मेरा उसका सच, आँखें सब देखती हैं (कविता संग्रह) के अलावा गद्य की अनेकानेक पुस्तकें | |कृतियाँ= तेरा मेरा उसका सच, आँखें सब देखती हैं (कविता संग्रह) के अलावा गद्य की अनेकानेक पुस्तकें | ||
|विविध=राजस्थान पत्रिका सृजन पुरस्कार की श्रेणी में वर्ष 1996 में 'गुळजी गाथा' पर पुरस्कृत, साहित्य महोपाध्याय, साहित्यश्री, डॉ० राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार आदि । आपके उपन्यास 'हजार घोडों पर सवार' पर टीवी धारावाहिक बना, 'लाज राखो राणी सती' नामक पहली राजस्थानी फिल्म भी 'चंद्र' के लेखन का परिणाम थी, गुलाबडी, चकवे की बात और विडम्बना पर टेली-फिल्में बनी। | |विविध=राजस्थान पत्रिका सृजन पुरस्कार की श्रेणी में वर्ष 1996 में 'गुळजी गाथा' पर पुरस्कृत, साहित्य महोपाध्याय, साहित्यश्री, डॉ० राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार आदि । आपके उपन्यास 'हजार घोडों पर सवार' पर टीवी धारावाहिक बना, 'लाज राखो राणी सती' नामक पहली राजस्थानी फिल्म भी 'चंद्र' के लेखन का परिणाम थी, गुलाबडी, चकवे की बात और विडम्बना पर टेली-फिल्में बनी। |
05:07, 27 जून 2011 के समय का अवतरण
यादवेंद्र शर्मा 'चंद्र'
जन्म | 1932 |
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निधन | 2009 |
उपनाम | चंद्र |
जन्म स्थान | बीकानेर |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
तेरा मेरा उसका सच, आँखें सब देखती हैं (कविता संग्रह) के अलावा गद्य की अनेकानेक पुस्तकें | |
विविध | |
राजस्थान पत्रिका सृजन पुरस्कार की श्रेणी में वर्ष 1996 में 'गुळजी गाथा' पर पुरस्कृत, साहित्य महोपाध्याय, साहित्यश्री, डॉ० राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार आदि । आपके उपन्यास 'हजार घोडों पर सवार' पर टीवी धारावाहिक बना, 'लाज राखो राणी सती' नामक पहली राजस्थानी फिल्म भी 'चंद्र' के लेखन का परिणाम थी, गुलाबडी, चकवे की बात और विडम्बना पर टेली-फिल्में बनी। | |
जीवन परिचय | |
यादवेंद्र शर्मा 'चंद्र' / परिचय |
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