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"पितर नेवतौनी / भोजपुरी" के अवतरणों में अंतर

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इसी तरह ठाकुर बाबा, सुरुज, खिरलिच, काली, दुर्गा, चन्द्रमा, अछैबट सभी देवता एवं उनकी पत्नी देवी का और सभी कीड़ों-मकोड़ों का भी आवाहन किया जाता है।
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इसी तरह ठाकुर बाबा, सुरुज, खिरलिच, काली, दुर्गा, चन्द्रमा, अछैबट सभी देवता एवं उनकी पत्नी देवी का और सभी कीड़ों-मकोड़ों का भी आवाहन किया जाता है।<br><br>
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'''दुआरी छेंकौनी गीत'''
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छोड़ीं-छोड़ीं सखी सबे रोकल दुआर हे
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मोर दुलहा बाड़े लड़िका नादान हे।
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अहिरा के जात हंउअन बोली पतिशाह हे
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अहिरा के जात हईं बोली पतिशाह रे  
मोर दुलहा बाड़े लड़िका नादान हे।<br>
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काहे के बाबा तोर गइले पूजन रे।  
अहिरा के जात हंउअन बोली पतिशाह हे<br>
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काहे के भइया तोर गइले बोलावे रे।
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तोर दुलहा बाड़े सखी लड़िका नादान हे।<br><br>
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अहिरा के जात हईं बोली पतिशाह रे काहे के बाबा तोर गइले पूजन रे। काहे के भइया तोर गइले बोलावे रे।<br><br>
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13:09, 21 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

ये सरगऽ में बसेले बर्हम बाबाऽ, उन्हउ के नेवतबि।
ये सरगऽ में बसेले महादेव बाबाऽ, उन्हउ के नेवतबि।

इसी तरह ठाकुर बाबा, सुरुज, खिरलिच, काली, दुर्गा, चन्द्रमा, अछैबट सभी देवता एवं उनकी पत्नी देवी का और सभी कीड़ों-मकोड़ों का भी आवाहन किया जाता है।

दुआरी छेंकौनी गीत
छोड़ीं-छोड़ीं सखी सबे रोकल दुआर हे
मोर दुलहा बाड़े लड़िका नादान हे।
अहिरा के जात हंउअन बोली पतिशाह हे
कइसे में छोड़ीं सखी रोकल दुआर हे
तोर दुलहा बाड़े सखी लड़िका नादान हे।

दुल्हे का उत्तर
अहिरा के जात हईं बोली पतिशाह रे
काहे के बाबा तोर गइले पूजन रे।
काहे के भइया तोर गइले बोलावे रे।