"सूनी साँझ / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’" के अवतरणों में अंतर
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− | साँझ अकेली, साथ नहीं हो | + | साँझ अकेली, साथ नहीं हो तुम। |
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− | + | उमडी धारा, जैसी मुझपर- | |
− | + | बीती झेली, साथ नहीं हो तुम, | |
− | बहुत दिनों में आज मिली है | + | बहुत दिनों में आज मिली है |
− | साँझ अकेली, साथ नहीं हो | + | साँझ अकेली, साथ नहीं हो तुम। |
− | + | यह कैसी होनी-अनहोनी | |
− | + | पुतली-पुतली आँख मिचौनी | |
− | + | खुलकर खेली, साथ नहीं हो तुम, | |
− | बहुत दिनों में आज मिली है | + | बहुत दिनों में आज मिली है |
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09:38, 5 अगस्त 2013 के समय का अवतरण
बहुत दिनों में आज मिली है
साँझ अकेली, साथ नहीं हो तुम।
पेड खडे फैलाए बाँहें
लौट रहे घर को चरवाहे
यह गोधुली, साथ नहीं हो तुम,
बहुत दिनों में आज मिली है
साँझ अकेली, साथ नहीं हो तुम।
कुलबुल कुलबुल नीड़-नीड़ में
चहचह चहचह मीड़-मीड़ में
धुन अलबेली, साथ नहीं हो तुम,
बहुत दिनों में आज मिली है
साँझ अकेली, साथ नहीं हो तुम।
जागी-जागी सोई-सोई
पास पडी है खोई-खोई
निशा लजीली, साथ नहीं हो तुम,
बहुत दिनों में आज मिली है
साँझ अकेली, साथ नहीं हो तुम।
ऊँचे स्वर से गाते निर्झर
उमडी धारा, जैसी मुझपर-
बीती झेली, साथ नहीं हो तुम,
बहुत दिनों में आज मिली है
साँझ अकेली, साथ नहीं हो तुम।
यह कैसी होनी-अनहोनी
पुतली-पुतली आँख मिचौनी
खुलकर खेली, साथ नहीं हो तुम,
बहुत दिनों में आज मिली है
साँझ अकेली, साथ नहीं हो तुम।