Last modified on 18 नवम्बर 2014, at 12:49

"मेरो दरद न जाणै कोय / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर

 
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[Category:मीराबाई]]
+
{{KKGlobal}}
[[Category:पद]]
+
{{KKRachna
{{KKSandarbh
+
|रचनाकार= मीराबाई  
|लेखक=मीराबाई
+
|पुस्तक=
+
|प्रकाशक=
+
|वर्ष=
+
|पृष्ठ=
+
 
}}
 
}}
 
+
{{KKAnthologyLove}}
हे री मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोय।<br>
+
{{KKCatPad}}
घायल की गति घायल जाणै, जो कोई घायल होय।<br>
+
<poem>
जौहरि की गति जौहरी जाणै, की जिन जौहर होय। <br>
+
हे री मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोय।
सूली ऊपर सेज हमारी, सोवण किस बिध होय।<br>
+
घायल की गति घायल जाणै, जो कोई घायल होय।
गगन मंडल पर सेज पिया की किस बिध मिलणा होय।<br>
+
जौहरि की गति जौहरी जाणै, की जिन जौहर होय।  
दरद की मारी बन-बन डोलूँ बैद मिल्या नहिं कोय।<br>
+
सूली ऊपर सेज हमारी, सोवण किस बिध होय।
मीरा की प्रभु पीर मिटेगी, जद बैद सांवरिया होय।<br><br>
+
गगन मंडल पर सेज पिया की किस बिध मिलणा होय।
 +
दरद की मारी बन-बन डोलूँ बैद मिल्या नहिं कोय।
 +
मीरा की प्रभु पीर मिटेगी, जद बैद सांवरिया होय।
 +
</poem>

12:49, 18 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण

हे री मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोय।
घायल की गति घायल जाणै, जो कोई घायल होय।
जौहरि की गति जौहरी जाणै, की जिन जौहर होय।
सूली ऊपर सेज हमारी, सोवण किस बिध होय।
गगन मंडल पर सेज पिया की किस बिध मिलणा होय।
दरद की मारी बन-बन डोलूँ बैद मिल्या नहिं कोय।
मीरा की प्रभु पीर मिटेगी, जद बैद सांवरिया होय।