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− | बसो मोरे नैनन में नंदलाल। | + | <poem> |
− | मोहनी मूरति सांवरि सूरति, नैणा बने बिसाल। | + | बसो मोरे नैनन में नंदलाल। |
− | अधर सुधारस मुरली राजत, उर बैजंती-माल।। | + | मोहनी मूरति सांवरि सूरति, नैणा बने बिसाल। |
− | छुद्र घंटिका कटि तट सोभित, नूपुर सबद रसाल। | + | अधर सुधारस मुरली राजत, उर बैजंती-माल।। |
− | मीरा प्रभु संतन सुखदाई, भगत बछल गोपाल।।< | + | छुद्र घंटिका कटि तट सोभित, नूपुर सबद रसाल। |
+ | मीरा प्रभु संतन सुखदाई, भगत बछल गोपाल।।</poem> |
21:07, 20 अगस्त 2020 के समय का अवतरण
बसो मोरे नैनन में नंदलाल।
मोहनी मूरति सांवरि सूरति, नैणा बने बिसाल।
अधर सुधारस मुरली राजत, उर बैजंती-माल।।
छुद्र घंटिका कटि तट सोभित, नूपुर सबद रसाल।
मीरा प्रभु संतन सुखदाई, भगत बछल गोपाल।।