Last modified on 20 अगस्त 2020, at 21:07

"बसो मोरे नैनन में / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर

 
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[Category:मीराबाई]]
+
{{KKGlobal}}
[[Category:कविताएँ]]
+
{{KKRachna
[[Category:पद]]
+
|रचनाकार= मीराबाई  
{{KKSandarbh
+
|लेखक=मीराबाई
+
|पुस्तक=
+
|प्रकाशक=
+
|वर्ष=
+
|पृष्ठ=
+
 
}}
 
}}
 
+
{{KKCatPad}}
बसो मोरे नैनन में नंदलाल।<br>
+
<poem>
मोहनी मूरति सांवरि सूरति, नैणा बने बिसाल।<br>
+
बसो मोरे नैनन में नंदलाल।
अधर सुधारस मुरली राजत, उर बैजंती-माल।।<br>
+
मोहनी मूरति सांवरि सूरति, नैणा बने बिसाल।
छुद्र घंटिका कटि तट सोभित, नूपुर सबद रसाल।<br>
+
अधर सुधारस मुरली राजत, उर बैजंती-माल।।
मीरा प्रभु संतन सुखदाई, भगत बछल गोपाल।।<br><br>
+
छुद्र घंटिका कटि तट सोभित, नूपुर सबद रसाल।
 +
मीरा प्रभु संतन सुखदाई, भगत बछल गोपाल।।</poem>

21:07, 20 अगस्त 2020 के समय का अवतरण

बसो मोरे नैनन में नंदलाल।
मोहनी मूरति सांवरि सूरति, नैणा बने बिसाल।
अधर सुधारस मुरली राजत, उर बैजंती-माल।।
छुद्र घंटिका कटि तट सोभित, नूपुर सबद रसाल।
मीरा प्रभु संतन सुखदाई, भगत बछल गोपाल।।