उषा
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रचनाकार | गुलाब खंडेलवाल |
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प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | हिंदी |
विषय | |
विधा | महाकाव्य |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- सूना जीवन, लक्ष्य दिशा है धूमिल तुमको खोकर (प्रथम सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल
- मैं अमाँ की एक विस्तृत तान (पंचम सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल
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- प्रिय तुम तो सावन के प्रभात (दशम सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल
- यह कैसा कोमल करुण राग (दशम सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल
- इस जलते जीवन का प्रमाद (दशम सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल
- मैं जीवन-सत्ता दुर्निवार ( दशम सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल
- तुम कौन पिकी-सी रही बोल (दशम सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल
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