भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
राजेन्द्र स्वर्णकार
Kavita Kosh से
राजेन्द्र स्वर्णकार
जन्म | 21 सितंबर |
---|---|
जन्म स्थान | बीकानेर, राजस्थान, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
आईनों में देखिए (ग़ज़ल-संग्रह,2004), रूई मांयीं सूई (राजस्थानी ग़ज़ल-संग्रह-2002) | |
विविध | |
हिन्दी और राजस्थानी दोनों भाषाओं के कवि | |
जीवन परिचय | |
राजेन्द्र स्वर्णकार / परिचय |
<sort order="asc" class="ul">
- मर गए उन पर तो जीना आ गया / राजेन्द्र स्वर्णकार
- इंतज़ार है / राजेन्द्र स्वर्णकार
- दरिया से न समंदर छीन / राजेन्द्र स्वर्णकार
- कहाँ लिख दूँ ,यहाँ लिख दूँ , जहाँ कह दो , वहाँ लिख दूँ / राजेन्द्र स्वर्णकार
- किसे पाना मुनासिब है , किसे बेहतर गंवाना है / राजेन्द्र स्वर्णकार
- नहीं बिके जो क़लम / राजेन्द्र स्वर्णकार
- काहे करी सगाई बाबा / राजेन्द्र स्वर्णकार
- मुझे तू ख़ार ही देना , गुलों के हार मत देना / राजेन्द्र स्वर्णकार
- तेरे दम से है रौनक़ घर मेरा आबाद है अम्मा / राजेन्द्र स्वर्णकार
- भोर सुहानी / राजेन्द्र स्वर्णकार
- ग़ज़ल उर्दू में कहता हूँ , ग़ज़ल हिंदी में कहता हूँ / राजेन्द्र स्वर्णकार
- खड़ा मक़्तल में मेरी राह तकता था मेरा क़ातिल / राजेन्द्र स्वर्णकार
- तुम देवी … मैं मानव / राजेन्द्र स्वर्णकार
- मैं गीत निश्छल प्रीत के अविराम लिक्खूंगा / राजेन्द्र स्वर्णकार
- मत ज़्यादा सच बोल क़लम / राजेन्द्र स्वर्णकार
- ये हिंदू है ! ये है मुस्लिम / राजेन्द्र स्वर्णकार
- नव सृजन के गीत गा / राजेन्द्र स्वर्णकार
- मन हार न जाना रे / राजेन्द्र स्वर्णकार
- भर गए बाज़ार नक़ली माल से / राजेन्द्र स्वर्णकार
</sort>