विलिमीर ख़्लेबनिकफ़
जन्म | 9 नवम्बर 1885 |
---|---|
निधन | 28 जून 1922 |
उपनाम | वीक्तर ख़्लेबनिकफ़ |
जन्म स्थान | आस्त्रख़न, रूस |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
रियाफ़ (संक्षेप में रूसी-जापानी युद्ध, 1913), चुनी हुई कविताएँ (1914), राज़िन (लम्बी कविता,1920), सोवियत राज्य की स्थापना से पहले वाली रात ( लम्बी कविता,1921), भाग्य की स्लेट पर ( लम्बी कविता,1921), पाँच खण्डों में रचनावली (1908-1933), 1985 में जन्म-शताब्दी के अवसर पर ’कृतियाँ’ शीर्षक से रचनाओं का एक भारी-भरकम संग्रह, सात खण्डों में रचनावली (2000-2006), विक्ट्री ओवर द सन, स्नेक ट्रेन (अँग्रेज़ी में अनुवादों के संग्रह), आशीब्की स्मेर्ति (मौत की ग़लतियाँ) | |
विविध | |
व्लदीमिर मयाकोव्स्की के साथ रूसी कविता में भविष्यवादी आन्दोलन के जनक। 1 | |
जीवन परिचय | |
विलिमीर ख़्लेबनिकफ़ / परिचय |
कविताएँ
- एक बार फिर / विलिमीर ख़्लेबनिकफ़ / रमेश कौशिक
- एक मुक्तक / विलिमीर ख़्लेबनिकफ़ / रमेश कौशिक
- आज के दिन / विलिमीर ख़्लेबनिकफ़ / वरयाम सिंह
- कुछ नहीं चाहिए / वेलेमीर ख़्लेब्निकफ़ / वरयाम सिंह
- जब मरते हैं / वेलेमीर ख़्लेब्निकफ़ / वरयाम सिंह
- जिंदगी / वेलेमीर ख़्लेब्निकफ़ / वरयाम सिंह
- न जापान की छायाएँ / वेलेमीर ख़्लेब्निकफ़ / वरयाम सिंह
- पतझर / वेलेमीर ख़्लेब्निकफ़ / वरयाम सिंह
- मुझे मालूम नहीं / वेलेमीर ख़्लेब्निकफ़ / वरयाम सिंह
- मनुष्य जब करते हैं प्यार / वेलेमीर ख़्लेब्निकफ़ / वरयाम सिंह
- वर्ष, लोग और राष्ट्र / वेलेमीर ख़्लेब्निकफ़ / वरयाम सिंह
- स्वतंत्रता / वेलेमीर ख़्लेब्निकफ़ / वरयाम सिंह