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आज के दिन / विलिमीर ख़्लेबनिकफ़ / वरयाम सिंह
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नीले भालुओं का दिन
जो भाग निकले हैं शान्त बरौनियों से होकर
मैं देखूँगा
नीले पानी के पीछे
आँखों के चाँदी के चम्मच पर
मेरी ओर बढ़ आया है समुद्र ओर उस पर तूफ़ानों का दूत
गरजते समुद्र की ओर, देखता हूँ,
अज्ञात बरौनियों पर से उड़ता हुआ
पक्षियों का रूस ।
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मूल रूसी भाषा से अनुवाद : वरयाम सिंह