Last modified on 22 अक्टूबर 2013, at 16:55

करमा गीत-3 / छत्तीसगढ़ी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:55, 22 अक्टूबर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=छत्तीसग...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हां हां रे रतन बोइर तरी रे
गड़े है मैनहरी कांटा
रतन बोइंर तरी रे।
ओही मा ले नहकयं डिंडवारे, छैलवा
हेर देबे मैनहरी कांटा
रतन बोइर तरी रे।
कांटा हेरवनी का भूर्ती देबे,
हेर दहे मैनहरी कांटा
रतन बोइर तरी रे।
ले लेबे भइया थारी भर रुपइया,
हेर देबे मैनहरी कांटा
रतन बोइर तरी रे।
थारी भर रुपइया तोरे धर भावय
नइ हेंरव मैनहरी कांटा
रतन बोइर तरी रे।
ले लेबे भइया लहुरि ननदिया।
हेर देबे मैनहरी कांटा
रतन बोइर तरी रे।
लहुरि ननदिया तोरे धर भावय
नइ हेंरव मैनहरी कांटा
रतन बोइर तरी रे।
ले लेबे, छैलवा मोरे रस बुंदिया
हेर देहंव मैनहरी कांटा
रतन बोइर तरी रे।