चंदबरदाई
जन्म | 1148 |
---|---|
निधन | 1191 |
उपनाम | चंद |
जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
पृथ्वीराज रासो | |
विविध | |
चंदबरदाई को हिंदी का पहला कवि और उनकी रचना पृथ्वीराज रासो को हिंदी की पहली रचना होने का सम्मान प्राप्त है। पृथ्वीराज रासो हिंदी का सबसे बड़ा काव्य-ग्रंथ है। इसमें 10,000 से अधिक छंद हैं और तत्कालीन प्रचलित 6 भाषाओं का प्रयोग किया गया है। | |
जीवन परिचय | |
चंदबरदाई / परिचय |
- पृथ्वीराज रासो / चंदबरदाई
- पद्मावती / चंदबरदाई
- प्रन्म्म प्रथम मम आदि देव / चंदबरदाई
- दिल्लिपति प्रथिराज, अवनि आषेटक षिल्लिय (कवित्त) / चंदबरदाई
- गई षबर ध्रम्मान की, उट्ठ चढ़े असवार (दूहा) / चंदबरदाई
- गौरी पठए दूत, चले च्यारों चतुरन्नर (कवित्त) / चंदबरदाई
- आषेटक दिन रमय, संग स्वानं घन चीते (कवित्त) / चंदबरदाई
- रमै राज आषेट, सत्त एकल बन भंजै (कवित्त) / चंदबरदाई
- देस-देस कग्गद फटे पेसंगी षुरसान (दूहा) / चंदबरदाई
- सिलह लोह सज्जत, लष्ष पंचह मिलि पष्षर (कवित्त) / चंदबरदाई
- चैत मास रबि तीज,सेत पष्षह कल चंदह (कवित्त) / चंदबरदाई
- आयौ आतुर अप्परह, पैसंगी पतिनाह (दूहा) / चंदबरदाई
- हुअ सद्द सुसद्दह नद्द भर (त्रोटक) / चंदबरदाई
- फौज बन्धि सुरतन मुष्ष अग्गे तत्तारिय (कवित्त) / चंदबरदाई
- दिल्लीपति फौजह रची (दूहा) / चंदबरदाई
- फौज रची सामत, गरुड़ व्यूहं रचि गढ्ढिय (कवित्त) / चंदबरदाई
- तत्तारह उप्परह, चित्त चावंड चलायौ (कवित्त) / चंदबरदाई
- भूमि पर्यौ तत्तार, मारि कमनेत प्रहारै (कवित्त) / चंदबरदाई
- षान षन आखूंद,अट्ठ सहसं बहु गष्षर (कवित्त) / चंदबरदाई
- धपी सेन सुरतान,मुट्ठि छुट्ठी चावद्दिसि (कवित्त) / चंदबरदाई
- जैतराइ जड़धार,लियोकर दंत मुष्ष कर (कवित्त) / चंदबरदाई
- सिर धूनत पतिसाह, धाह सुनि सेना सथ्थिय (कवित्त) / चंदबरदाई
- मनु द्वादस सूरज्ज, हथ्थ चन्द्रमा महासर (कवित्त) / चंदबरदाई
- मचे कूह कूहं बहै सार सारं (भुजंगी) / चंदबरदाई
- तन तेज तरनि ज्यों घनह ओप / चंदबरदाई
- कुछ छंद / / चंदबरदाई