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है इश्क बुरा जंजाल मेरे ऐ प्यारे / प्रेमघन

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है इश्क बुरा जंजाल मेरे ऐ प्यारे,
सब चातुर सयाने लोग जहाँ पर हारे॥टेक॥
लैली पै बनाया मजनू को सौदाई,
फरहाद देख शीरी की जान गवाई॥
की छैल बटाऊ मोहना संग रुसवाई,
फिर हरि और राधे की कथा चलाई॥

क्या कहूँ हजारों के घर हाय उजारे,
सब चतुर सयाने लोग जहाँ पर हारे॥
देखो चिरगा पर जलता है परवाना,
प्यासा मरता स्वाती पर चातक दाना॥
ससि सुन्दरसूरज से चकोर क्यों माना,
मधुकर गुलाब के काँटों में उलझाना॥
नित वीन सुना कर जाते हैं मृग मारे,
सब चतुर सयाने लोग जहाँ पर हारे॥
कुछ और सबब इस में न हमें नज़ या,
दिलही के दिल के साथ वास्ता पाया।
गुनरूप सबब नाहक लोगों ने गाया,
यह है कुछ उस परवरदिगार की माया॥
जुल्मों के फन्दे जो निज हाथ सँवारे,
सब चतुर सयाने लोग जहाँ पर हारे॥
बस यही बना माशूक सितम करता है,
जिस पर आशिक दीवाना बन मरता है॥
कोई लाख कहो वह नहीं ध्यान धरता है,
राहत वरंजये की पर मरता है॥
बदरीनारायन सच्चे ख्याल तुमारे,
सब चतुर सयाने लोग जहाँ पर हारे1॥17॥