अब कोई दर्द नहीं खलता है याद नहीं आते हैं रंग, इन्द्रधनुषी रंग! दूर, बहुत दूर आसमानों में परिस्थिति के पेंचों ने काट दी दुलार की कुलाँचती पतंग!