शकेब जलाली
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
जन्म | |
---|---|
जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
शकेब जलाली / परिचय |
<sort order="asc" class="ul">
- आके पत्थर तो मेरे सहन में दो-चार गिरे \ शकेब जलाली
- जाती है धूप उजले परों को समेट के \ शकेब जलाली
- मुरझा के काली झील में गिरते हुए भी देख \ शकेब जलाली
- फिर सुन रहा हूँ गुज़रे ज़माने की चाप को / शकेब जलाली
</sort>