एक कोयल गाती है टीस भरा एक गीत फिर दूर अमराईयों में कहीं उड़ कर खो जाती है मैं विह्वल हो कर खोजता हूँ उस कोयल को पूछता हूं वृक्षों से शाखों से पर कोयल नहीं मिलती फिर कहीं कोयल बार बार आती है गाने वही गीत कोयल हर बार उड़ कर खो जाती है …