वसंत मैंने तुम्हारी आंखों में देखा था बरसों से नहीं देखीं तुम्हारी आंखें देखा है - बस एक उदास मौसम जो सहमा-सा आता है और आहिस्ता से गुजर जाता है ! क्या सच में वह वसंत था? कहां से आया था वह तुम्हारी आंखों में ?