दूर
बहुत दूर
सुनाई दे रही
ख़ुश्बू की आहट
पास
पास बहुत
भटकती है
गुलमोहरी कसक
दूरी और सामीप्य में
लहरा रहा है
एक क्षण।
दूर
बहुत दूर
सुनाई दे रही
ख़ुश्बू की आहट
पास
पास बहुत
भटकती है
गुलमोहरी कसक
दूरी और सामीप्य में
लहरा रहा है
एक क्षण।