तुर्गुत उयार
जन्म | 04 अगस्त 1927 |
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निधन | 22 अगस्त 1985 |
जन्म स्थान | अंकारा, तुर्की |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
दुनिया का सबसे सुन्दर अरब | |
विविध | |
बीसवीं सदी की तुर्की कविता में ‘द्वितीय नववादी’ आन्दोलन के हिरावल थे। उनकी कविताए वितृष्णा, उदासी, शहर से अलगाव, ऊब, आत्महत्या के इर्द-गिर्द घूमती हैं। तुर्गुत उयार अपनी एक कविता ‘आसमान देखने का ठिकाना’ से मक़बूल हुए और इतना हुए कि उनकी यही कविता इस्ताम्बुल के प्रसिद्ध गेज़ी पार्क आन्दोलन में प्रोटेस्ट की कविता बन गई और हर ज़ुबान पर चढ़ गई। वे फ़ैज़, नाज़िम हिकमत या नेरुदा की तरह प्रेमिका को सामाजिक यथार्थ से परिचित कराते हुए उसे आन्दोलन में शामिल होने का निमंत्रण नहीं देते। वे ‘आसमान देखने का ठिकाना’ ढूँढ़ते हैं और शहर को, इमारतों को लाँघते हुए उस ठिकाने तक पहुँचना चाहते हैं। उनके लिए यह पलायन नहीं मुक्ति है। यहाँ प्रस्तुत कविताएँ तुर्गुत उयार के कविता-समग्र से ली गई हैं। | |
जीवन परिचय | |
तुर्गुत उयार / परिचय |