नीचे दिये हुए पृष्ठ ता तिय तैं ह्वै क्रुधित, देति बहु-भाँति उराहन / शृंगार-लतिका / द्विज से जुडते हैं:
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- रचि-रचि औरैं रूप, कबहुँ अनुराग बढ़ावैं / शृंगार-लतिका / द्विज (← कड़ियाँ)