अंजुम सलीमी
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जन्म | |
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कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
अंजुम सलीमी / परिचय |
- आईना साफ़ था धुँधला हुआ रहता था मैं / अंजुम सलीमी
- अच्छे मौसम में तग ओ ताज़ भी कर लेता हूँ / अंजुम सलीमी
- बुझने दे सब दिए मुझे तनहाई चाहिए / अंजुम सलीमी
- चला हवस के जहानों की सैर करता हुआ / अंजुम सलीमी
- दर्द-ए-विरासत पा लेने से नाम नहीं चल सकता / अंजुम सलीमी
- दीवार पे रक्खा तो सितारे से उठाया / अंजुम सलीमी
- दिन ले के जाऊँ साथ उसे शाम कर के आऊँ / अंजुम सलीमी
- इन दिनों ख़ुद से फ़राग़त ही फ़राग़त है मुझे / अंजुम सलीमी
- इस से आगे तो बस ला-मकाँ रह गया / अंजुम सलीमी
- जस्त भरता हुआ दुनिया के दहाने की तरफ़ / अंजुम सलीमी
- कागज़ था मैं दिए पे मुझे रख दिया गया / अंजुम सलीमी
- कल तो तेरे ख़्वाबों ने मुझ पर यूँ अर्ज़ानी की / अंजुम सलीमी
- ख़ाक छानी न किसी दश्त में वहशत की है / अंजुम सलीमी
- मुझे भी सहनी पड़ेगी मुख़ालिफ़त अपनी / अंजुम सलीमी
- ज़ुहूर-ए-कश्फ़-ओ-करामात में पड़ा हुआ हूँ / अंजुम सलीमी