no edit summary
+14
''''कलम में भरी है स्याही''' कलम में भरी है स्याही पर निब ...' के साथ नया पन्ना बनाया
नया पृष्ठ: <poem>अपनी मादा संतानों को कई-कई रूपों में कभी माँ, मौसी, भाभी या बड़ी …
नया पृष्ठ: खूबसूरत किन्तु दरिद्र स्त्रियाँ कुढ़ती हैं <br /> बदसूरत औरत अमीर क…
नया पृष्ठ: दिल खुश हो उठता है जब कोई तारीफ करता है हमारी जुबान हिंदी की गोया…
no edit summary
-44
no edit summary
+1,940
नया पृष्ठ: वन के राजा शेरशाह ने पहले सबको खूब हंसाया तरह तरह का भांति-भांति …
नया पृष्ठ: लिखूंगा तो रेतों पर ही चाहे वह मिट जाए पल में आज अगर मैं जी न सका त…
नया पृष्ठ: जुबान से जुबान करती है बात यह जानकर अचरज नहीं होता आँखों-आँखों म…
नया पृष्ठ: चोर.... चोर..... मैं ऐसा चोर जो चोरी से भी गया, हेरा-फेरी से भी गया । मैं…
नया पृष्ठ: कहनी न थी बात जो कहना पड़ा मुझे तेरे बगैर, कैसे कहूँ , खुश बहुत रह…
नया पृष्ठ: मैं जानता हूँ अन्धा कुआँ है यह कोशिश तुम्हारी ओर आने की मैं जान…
नया पृष्ठ: तुम कहाँ गलत थे ! या मैं कहाँ गलत था ! ये ऐसे सवाल हैं जिनके जबाव का …
नया पृष्ठ: बार-बार , कई बार परीक्षा करके देख लिया बुजुर्गों के बताए जुगत भिडा…
नया पृष्ठ: वह, जो सबसे पहले तुम्हारे पास पहुँचने की कोशिश करेगा सदी का सबसे ख…
नया पृष्ठ: रानी क्यों रूठी ! राजा क्यों टूटा ! क्यों कौंधी थी बिजली ? वगैरह,वग…
नया पृष्ठ: आप जब भी 'सच' बोलते हैं मेरी उँगलियाँ थरथराने लगती हैं भिंच जाती ह…
नया पृष्ठ: उन दोनों ने तय पाया है कि वे प्रेम 'करते' हैं। तय किया कि शादी करें…
नया पृष्ठ: अकड़ रहे थे हाथ - पैर मुँह से निकल रहा भाप थरथरा रहा था सारा बदन फि…
नया पृष्ठ: मैं अपने जन्म-दिन के दिन सोचता हूँ कि कोई अपने जन्म-दिन पर खुश कैस…
no edit summary
+13
नया पृष्ठ: सुना है, मित्र को लड़की पसंद आ गई है क्योंकि उसके होठ और स्तन और क…
no edit summary
+1,523
नया पृष्ठ: हक़ था तुम्हारा जिसे तुम मांगते रहे थे दयनीय बनकर कि कर दे कोई कृ…
नया पृष्ठ: सपनों में विचरना नियति थी उसकी कोई शौक या स्वेच्छा नहीं। पिछली …
नया पृष्ठ: सपना तुम्हारी आंखों का मैं बन पाता ! हर बार कभी आंधी आई मैं तेरे ख…
no edit summary
-1
नया पृष्ठ: इतनी नजदीकियों के बावजूद नहीं हो पा रहा था यकीन कि हम साथ हैं, गो…
नया पृष्ठ: बकवास करो हर बार करो - गर बिकता है। हंसो, हंसो, तुम और हंसो यदि इसस…
नया पृष्ठ: दादी बोली मुन्ने से चंदा मामा आएगा दूध मलाई लाएगा तुमको खूब खिल…
no edit summary
+14
नया पृष्ठ: जहाँ जो कुछ भी अलक्षित रह गया है मैं वही हूँ, मौन और एकांत क्षण में…
नया पृष्ठ: इतना तो बताते जाते कि पता ठिकाना तेरा मैं किससे पूछूँ ? रास्तों स…
no edit summary
+759
नया पृष्ठ: सूने आँगन को पाकर स्त्री नाच उठी थी तन-मन से , जैसे कि अभी कुछ देर म…
नया पृष्ठ: चुप न रहो , कुछ कहो तुम्हें कुछ तो कहना है। या लिखा भाग्य का मान सद…
नया पृष्ठ: अक्सर भटकता हुआ मैं पहुँच जाता हूँ उस तन्हाई में जहाँ तुम रूठे से…
नया पृष्ठ: काफी नहीं था उसका सिर्फ़ स्त्री होना दुनिया की और भी रवायतें थीं …
no edit summary
+699
नया पृष्ठ: रहती थी यहाँ कुछ कविताएँ वैसे ही , जैसे रहती थी दादी की कहानियों म…
नया पृष्ठ: सदियों से कह रहा हूँ कि मत बंद करो खिड़की खुला रहने दो दरवाजा कि …
नया पृष्ठ: तुम्हारे चेहरे में कोई सपना था जिसे बरसो-बरस मैंने देखा किया तु…
नया पृष्ठ: उसके हाथ में तीन इक्के थे उसने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया और जी…
नया पृष्ठ: माँ! मैं झूठ नहीं कहता मैं तुमसे प्यार नहीं करता नहीं चाहता हूँ म…
नया पृष्ठ: बाल बच्चेदार स्त्री ने गौर से देखा अपने शरीर को , मचल गई - संभावना…
नया पृष्ठ: सिंघवा चमार का बेटा - फकीरा, एक-आध साल ही स्कूल जा पाया कमाल का ढोल…
no edit summary
+413