♦ रचनाकार: अज्ञात
१.
बोली-बोलऽ, चोली खोलऽ, चोली के भीतर, लाल कबूतर, खाए के मांगे, सबुज दाना, धर-धर लेइयें पर, पांजर मोटा, खइबऽ सोटा, धर धरेसी, ध के पेसी, पेसन वाला, है मतवाला, ढिलवा भैया, करे ढिलाई, ओकर मउगी, करे सगाई।
२.
हाथ भरो जी - हैसा, जोर करो जी - हैसा, जोर जुगुती - हैसा, हो छुट्टी - हैसा, छुट्टी होना - हैसा, मौज उड़ाना - हैसा, मौजेदारी - हैसा, साव मदारी - हैसा, घाम-घमैला- हैसा।