Last modified on 7 दिसम्बर 2013, at 11:20

दरिया रेत की / वाज़दा ख़ान

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:20, 7 दिसम्बर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वाज़दा ख़ान |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

काँटों से छिलती
रेजा रेजा होती
वो अपने दरिया तक पहुँची
दरिया ने उदासीनता
अख्तियार कर ली।