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माड़ी कार बुरी करणी / दयाचंद मायना

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माड़ी कार बुरी करणी, आंख्यां केस्याहमी आ ज्यागी
गरीब सताए जांगे तै, फेर गुलामी आ ज्यागी

तम उन दिनां नै भूल गए, जब गोरे दाब दिया करते
थारे मुंह मैं टूक टांट पै जूता, इंगलिश सा’ब दिया करते
डैम ब्लडीफूल की गाली, घणी खराब दिया करते
ये गरीब लगै सैं भुण्डे, तमनै वो के लाभ दिया करते
बड़ी मुश्किल तै काढ़ी सै, वा कोम हरामी आ ज्यागी

मैं खोलूं कान थारे, अफसर होद्देदारां के
कुछ पैदल का भी राह सोचो, बैठणियां टम-टम कारां के
तुम हां-हां करते रहते हो, झूठी बातां का सहारा के
गरीब तरसते टुकड़े नै, तम पहरो सूट हजारां के
थारे पायां मैं तै लिकड़ तळै, पतलून पजामी आ ज्यागी

तू सब सेठां मैं सेठ बड़ा, भगवान गिण राख्या सै
दूर-दूर के मुलकों मैं तेरा, दान-मान गिण राख्या सै
सब दानां मैं बड़ा दान, एक दया दान गिण राख्या सै
नौ लख तारां बीच चंद्रमा, उदयभान गिण राख्या सै
तेरी बांस ऊठज्या सारे कै, घणी बदनामी आ ज्यागी

सतगुरू मुंशी ज्ञान का साबण, दाग जिगर के धो देगा
तनै समझावण आए ‘दयाचंद’, मुंह का थूक बिलो देगा
इन गरीबां नै मतना सतावै, यो गरीब बिचारा रो देगा
गरीबां का पड़ै सांस-नास, तनै जड़ मूल तै खो देगा
रोजगार, व्यवहार, बणज मैं टोटा, धन मैं खामी आ ज्यागी