Last modified on 2 सितम्बर 2014, at 21:04

मात मेरा प्यार भरा प्रणाम / सतबीर पाई

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:04, 2 सितम्बर 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सतबीर पाई |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatHaryan...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मात मेरा प्यार भरा प्रणाम, लैटर लिखे आपके नाम
कांशी राम! कांशी राम!...टेक

गमी खुशी मैं ना घर आऊंगा
सबतै पहल्यां, शादी नहीं कराऊंगा
बताऊं ऐसा करणा काम, मेरे तो रहरे लोग गुलाम
कांशी राम! कांशी राम!...

ना कट्ठी जायदाद करूंगा
दबे कुचले नै आबाद करूंगा
जो अपराध करै सुबह शाम, करूं जुल्मों को खत्म तमाम
कांशी राम! कांशी राम!...

गुलामी की जड़ करूंगा दफन मैं
करूं रहबरों का पूरा स्वप्न मैं
कफन लिया नीला बांध सरेआम मात लिए अपणे दिल नै थाम
कांशी राम! कांशी राम!...

दिल की बात सब रहा सूं भेज माँ
पूरे चौबीस लिखे हैं पेज माँ
तेज पी लिया मिशन का जाम कहै सतबीर यू पाई गाम
कांशी राम! कांशी राम!...