भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

नानी नानी पापड़ी ने हाथ में चट्टियो / मालवी

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:16, 31 जनवरी 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=मालवी }} <poe...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

नानी नानी पापड़ी ने हाथ में चट्टियो
यूं दे भणे बाल ब्रहमचारी
भजो भैरवानन्द आनन्द कारी
फलाणा राम का रजपाल बाबा भेरू
फलाणी बऊ त भई बाप बाबा भेरू
फलाणा जमई छड़ीदार बाबा भेरूरा