Last modified on 31 जनवरी 2015, at 12:47

चलो अनन्दी, चलो झुलवाए माय / मालवी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:47, 31 जनवरी 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=मालवी }} <poe...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

चलो अनन्दी, चलो झुलवाए माय
गेरी-गेरी अमली री डाल
चलो झुलवाए माय
रमवा सरको यो चौक
चालो झुलवाए माय
रमवा सरकी या रात
शरद पूनम की या रैन
चालो झुलवाए माय
पाँवों ने बिछिया सोवताए माय
थारी अनबट से लागी रया बाद