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चलो अनन्दी, चलो झुलवाए माय / मालवी
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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चलो अनन्दी, चलो झुलवाए माय
गेरी-गेरी अमली री डाल
चलो झुलवाए माय
रमवा सरको यो चौक
चालो झुलवाए माय
रमवा सरकी या रात
शरद पूनम की या रैन
चालो झुलवाए माय
पाँवों ने बिछिया सोवताए माय
थारी अनबट से लागी रया बाद