की करलौ नादानी मेॅ
जहर घुलै छै पानी मेॅ।
फूल फुलैलै, फोरो छै
एक नै केला खानी मेॅ।
पत्ता-पत्ता फूल लगै
फुललै-फूल टिकानी मेॅ।
गाय-भैंस खोली मेॅ छै
सूअर रहै बथानी मेॅ।
शायर रहतै नै रहतै
रहतै गजल निशानी मेॅ।
की करलौ नादानी मेॅ
जहर घुलै छै पानी मेॅ।
फूल फुलैलै, फोरो छै
एक नै केला खानी मेॅ।
पत्ता-पत्ता फूल लगै
फुललै-फूल टिकानी मेॅ।
गाय-भैंस खोली मेॅ छै
सूअर रहै बथानी मेॅ।
शायर रहतै नै रहतै
रहतै गजल निशानी मेॅ।