खूब मतैलोॅ सावन छै
ऐकरोॅ सेॅ ज्यादा वन छै।
ओकरोॅ लेली दुनियो पावन
जेकरोॅ मन ठो पावन छै।
एक तरफ चन्दन के पौधा
एक तरफ मेॅ गेहुअन छै।
जे रं यहाँ बिगड़लोॅ सब छै
सुधरै के की साधन छै?
सारस्वतोॅ के मन अगहन रं
तन भी चंचल खंजन छै।
खूब मतैलोॅ सावन छै
ऐकरोॅ सेॅ ज्यादा वन छै।
ओकरोॅ लेली दुनियो पावन
जेकरोॅ मन ठो पावन छै।
एक तरफ चन्दन के पौधा
एक तरफ मेॅ गेहुअन छै।
जे रं यहाँ बिगड़लोॅ सब छै
सुधरै के की साधन छै?
सारस्वतोॅ के मन अगहन रं
तन भी चंचल खंजन छै।