लाल परचम छै पुरबा के हाथ मे, सुरजा के लाल ठोर भए गेलै
एक लोटा पानी दे लाठी अब, उठ रे भरथा भोर भए गेलै
बुतेलकौ अपना घ’र के डिबिया
हवा एतना बेशर्म भए गेल’
बाबूसाहेब के बिजली रात भर
जलते-जलते बेदम भए गेल’
पता नै, की छै सतभैया के मोन मे, किए धुरबा के छाती कठोर भए गेलै
अब उठें बेटा, चल मेहनत के खेत मे
आस के हरियर चास लागल छौ
भुखमरी बेकारी बेटा ई
मंहगाई आकाश भागल छौ
चरि जैतौ खेत शंकर के बसहा, युधिष्ठिर के कुत्ता चोर भए गेलै
हमरा आँखि के सामने बिलटा
बिलटि के बटमार भए गेल’
झूठ डकैती केश मे फँसाबै के कारण
डोमना डकैत के सरदार भए गेल’
आय लोग कहै छै, बिलटा के बहीन, डोमना के बौह मुँहजोर भए गेलै
खंतरबा के जबान बेटी पर लखपतिया
एक दिन नयका दसटकिया फेकने रहै
इहे लेल खंतरबा ओकर खून करि देलकै
किए कि ऊ अपना आँख से ई सब देखने रहै
खंतरबा बेटी के बात कोय नै जानै छै; खंतरबा के नाम सगरो शोर भए गेलै
जराय के फूस के घ’र बारह बजे दिन मे
बिजला के डीह पर हर चलाय देलकै
के नै जानै छै बी.ए. पास बिजला के
गाँव से भगाय के लोग क्रिमिनल बनाय देलकै
के करतै बिजला के इन्साफ, जब प्रशासने घुसखोर भए गेलै