भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हंस के जीभ तरासल छै / रामदेव भावुक
Kavita Kosh से
हंस के जीभ तरासल छै
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार | रामदेव भावुक |
---|---|
प्रकाशक | इतिहास प्रकाशन, गुलजार पोखर, मुंगेर-811201 |
वर्ष | 1995 |
भाषा | अंगिका |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | 52 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- जवानी पैंचा नै लेबै / रामदेव भावुक
- शितलहरी / रामदेव भावुक
- पण्डित-पतरा / रामदेव भावुक
- हंस के जीभ तरासल छै (कविता) / रामदेव भावुक
- जेकरा मेहनत पर / रामदेव भावुक
- सुरजा के ठोर / रामदेव भावुक
- बेटी के बाप / रामदेव भावुक
- भोर हैतै कहिया / रामदेव भावुक
- तीत लागि गेल / रामदेव भावुक
- सब के नजर कहार पर छै / रामदेव भावुक
- हिम्मत के भगवान / रामदेव भावुक
- बेरहम पिता परमेस्सर / रामदेव भावुक
- देश मजूर किसान पर छै / रामदेव भावुक
- ललकी पटोर / रामदेव भावुक
- हड़ताल / रामदेव भावुक
- मुखिया जी / रामदेव भावुक
- जब तलक विचार बदलब नै / रामदेव भावुक
- अधिकार / रामदेव भावुक
- जितिया: एक चित्र / रामदेव भावुक
- धान हथिया के हाथ मे छै / रामदेव भावुक
- धरम के चर्चा / रामदेव भावुक
- तोरा की पता / रामदेव भावुक
- बरहमासा / रामदेव भावुक
- भाग' नै / रामदेव भावुक
- सकल जहनमा रे जान / रामदेव भावुक