Last modified on 29 अक्टूबर 2016, at 20:59

शङ्ख-गौर पट रीछ-छाल / हनुमानप्रसाद पोद्दार

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:59, 29 अक्टूबर 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हनुमानप्रसाद पोद्दार |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

(राग ललितपञ्चम-तीन ताल)

शङ्ख-गौर पट रीछ-छाल, शंकर सुखकारी।
 तीन नयन, भुज चार, शूल-डमरू बर धारी॥
 पिंगल जटा पबित्र सुर-धुनी-धारा राजत।
 अर्धचन्द्र शुचि श्रवन-सुमन धार बिराजत॥
 जय त्रिपुण्डधर भय-हरण जय भुजन्ग-भूषण परम।
 जय महेश जय भूतपति आशुतोष मंगल परम॥