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जीउ / मुकेश तिलोकाणी

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शाही दुनिया में
मुंहिंजे निगाहुनि हेठां।
खुशनुमा
संसार में
बिना डप
बे हिचक
रोबदार ज़िन्दगीअ जा
लम्हा जीउ।
पहिरो ॾींदडु
आऊं लूमडु
हिफाजत सां
रखंदुसि तुंहिंजो ख़्यालु
बचाउ कंदुसु तुंहिंजो।
तो तां
जान भी घोरी
तूं, जीउ, जीउ ऐं जीउ।