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दुश्मन / मुकेश तिलोकाणी

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हू मूंसां
कुर्ब थो करे या
मुंहिंजी खॾ थो खोटे?!
जॾहिं मुंहिंजे
भर में अचे
के, मिठिड़ियूं ॻाल्हियूं करे
जी पवां।
हुन जहिड़ो को ॿियो!
ॿिए वक़्त में
बदिलियलु रूपु
मुंहिंजे पोयां
खणी हलंदडु़ छुरो।
ॼाण हूंदे बि
मुंहुं नथो मोड़ियां,
हुनजी हासिलाति,
हुनजी खु़शीअ खे
ठेस (दुख) नथो
पहुचाइण चाहियां।
हू ॼाणे थो
मां सही आहियां
हुनजी समझ सही या ग़लत
दिल ते हथु रखी ॾिसे।