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हाइ ऐं बाइ बाइ / मुकेश तिलोकाणी

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केॾो सुठो आहे जो
ख़ासि ॻाल्हि बि
दिमाग़ खे
ॻचु वक़्तु
पीड़ा ऐं खुशी ॾेई
परवाॼु करे थी वञे।
घणियुनि सखि़तियुनि
सहण खां बहितर
हिन रोज़ानी ज़िंदगीअ में
खलनाइकन खां परे
लह विचड़ खां
अॻु-पोइ
हा ऐं हा
न जो नालो न
हथ जोड़,
सलामी
हाइ ऐं बाइ बाइ।