चाहे जिस शक्ल से
रचनाकार | विजय कुमार |
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प्रकाशक | राधाकृष्ण प्रकाशन,नई दिल्ली |
वर्ष | 1995 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | 112 |
ISBN | 81-7119-217-7 |
विविध |
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- हम किस बात की प्रतीक्षा करते हैं / विजय कुमार
- आप कुछ बताएँ / विजय कुमार
- मौत एक मांदगी का वक्फ़ा है / विजय कुमार
- अशांत मॄत्यु / विजय कुमार
- दुख के बारे में / विजय कुमार
- ख़बरें छनकर आपके टेबल तक आती हैं / विजय कुमार
- प्रतिदिन / विजय कुमार
- थकी हुई स्त्री / विजय कुमार
- वह चीख़-चीख़कर अपने तमाम वर्ष वापस मांगती है / विजय कुमार
- बम्बई-1 / विजय कुमार
- बम्बई-2 / विजय कुमार
- बम्बई-3 / विजय कुमार
- बम्बई-4 / विजय कुमार
- बम्बई-5 / विजय कुमार
- मैं जब आ ही गया तो / विजय कुमार
- हम लोग यहाँ यूँ ही थे / विजय कुमार
- सिर्फ़ एक दिन / विजय कुमार
- अंतिम रेलगाड़ी / विजय कुमार
- शहर में रात-1 / विजय कुमार
- शहर में रात-2 / विजय कुमार
- देविका के लिए एक कविता / विजय कुमार
- आकाश से टपका नहीं था कोई / विजय कुमार
- तंग गलियों में मर्सडीज़ / विजय कुमार
- संदूक / विजय कुमार
- रग्घू की चाय की दुकान / विजय कुमार
- सड़क पर घर / विजय कुमार
- रोता हुआ आदमी / विजय कुमार
- रक्त बेचने वाले / विजय कुमार
- मृत्यु / विजय कुमार
- सड़क पर भोर / विजय कुमार
- वसुन्धरा / विजय कुमार
- मुम्बई दिनांक / विजय कुमार
- कुछ पंक्तियाँ लिखी नहीं गईं इस शहर में / विजय कुमार
- बतकही / विजय कुमार
- कुंभ / विजय कुमार
- बुरी कविताओं के बारे में एक कविता / विजय कुमार
- पुरानी चिट्ठियाँ / विजय कुमार
- बुजुर्ग कवि का यकीन / विजय कुमार
- जूठन के बारे में / विजय कुमार
- दो पाँव / विजय कुमार