भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

भजन / प्रेमघन

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:44, 20 मई 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन' |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

{{KKCatBhajan}

एक समय सूसा के मन्दिर नोकराज महाराज सिधारे।
शेक हेंड कै तुरत सूस जी इजी चेर पर लै बैठारे॥
आइस मिश्रित सोडा वाटर भरि टमलर दै चुरुट निकारे।
सुलगायो धँसि मैच बिहसि कहि इक प्याली टी पीअहु प्यारे॥
ब्रेक फास्ट पुनि टिफ़िन खाय अरु डिनर चाभि श्रम सकल बिसारे।
आज भये कृत कृत्य देखि प्रभु तुमहिं भाग निज गुनि बहु भारे॥