भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दोहा

Kavita Kosh से
सम्यक (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:41, 18 अप्रैल 2009 का अवतरण

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


दोहा छन्द के पहले तीसरे चरण में 13 मात्रायें और दूसरे–चौथे चरण में 11 मात्राएं होती हैं। विषय (पहले तीसरे) चरणों के आरम्भ जगण नहीं होना चाहिये और सम (दूसरे–चौथे) चरणों अन्त में लघु होना चाहिये।

उदाहरण –

मेरी भव बाधा हरो, राधा नागरि सोय।
जा तन की झाँई परे, श्याम हरित दुति होय।। (24 मात्राएं)

कविता कोश में दोहे

हिन्दी काव्य छंद

दोहा . चौपाई . सोरठा . छप्पय . पद . रुबाई . कवित्त . सवैया . रोला . कुण्डली . त्रिवेणी . सॉनेट

लोक छंद

आल्हा

काव्य विधाएँ

नज़्म . ग़ज़ल