भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
रोला
Kavita Kosh से
रोला मात्रिक सम छंद होता है। इसके विषम चरणों में 11 मात्राएँ और सम चरणों में 13 मात्राएँ होती हैं।
उदाहरण
यही सयानो काम, राम को सुमिरन कीजै।
पर-स्वारथ के काज, शीश आगे धर दीजै॥
हिन्दी काव्य छंद |
दोहा . चौपाई . सोरठा . छप्पय . पद . रुबाई . कवित्त . सवैया . रोला . कुण्डली . त्रिवेणी . सॉनेट |
लोक छंद |
काव्य विधाएँ |