भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अहमद नदीम क़ासमी
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:29, 14 जून 2008 का अवतरण (121.247.140.2 (Talk) के संपादनोंको हटाया; Pratishtha के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया)
अहमद नदीम काज़मी की रचनाएँ
अहमद नदीम काज़मी
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
जन्म | 20 नवम्बर, 1916 |
---|---|
उपनाम | |
जन्म स्थान | सरगोधा (अब पाकिस्तान में) |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
'धड़कनें' (1962) जो बाद में 'रिमझिम' के नाम से प्रकाशित हुई और फिर इसी नाम से जानी गई । जलाल-ओ-जमाल, शोल-ए-गुल, दश्ते-वफ़ा, मुहीत (सभी कविता-संग्रह) | |
विविध | |
-- | |
जीवन परिचय | |
अहमद नदीम काज़मी / परिचय |
- कौन कहता है / अहमद नदीम काज़मी
- तुझे इज़हार-ए-मुहब्बत / अहमद नदीम काज़मी
- किस को क़ातिल / अहमद नदीम काज़मी
- गुल तेरा रंग चुरा लाए हैं / अहमद नदीम काज़मी
- शाम को सुबह-ए-चमन याद आई / अहमद नदीम काज़मी
- लब-ए-ख़ामोश से अफ्शा होगा / अहमद नदीम काज़मी
- जब तेरा हुक्म मिला / अहमद नदीम काज़मी
- मरूं तो मैं किसी चेहरे में रंग भर जाऊं / अहमद नदीम काज़मी
- वो कोई और न था / अहमद नदीम काज़मी
- लबों पे नर्म तबस्सुम / अहमद नदीम काज़मी
- रेत से बुत न बना / अहमद नदीम काज़मी
- मुझे कल मेरा एक साथी मिला / अहमद नदीम काज़मी
- हैरतों के सिल-सिले / अहमद नदीम काज़मी
- अब तक तो / अहमद नदीम काज़मी
- ज़ीस्त आज़ार हुई जाती है / अहमद नदीम काज़मी
- जेहनों में ख़याल जल रहे हैं / अहमद नदीम काज़मी
- गो मेरे दिल के ज़ख़्म जाती हैं / अहमद नदीम काज़मी
- क्या भरोसा हो किसी हमदम का / अहमद नदीम काज़मी
- ख़ुदा नहीं, न सही, ना-ख़ुदा नहीं, न सही / अहमद नदीम काज़मी
- फूलों से लहू कैसे टपकता हुआ देखूँ / अहमद नदीम काज़मी
- साँस लेना भी सज़ा लगता है / अहमद नदीम काज़मी
- इंक़लाब अपना काम करके रहा / अहमद नदीम काज़मी
- दामन को न तार-तार कर ले / अहमद नदीम काज़मी
- न शऊर में जवानी,न ख़याल में रवानी / अहमद नदीम काज़मी
- पैमाँ जो बंध रहे हैं, कोई सुन रहा न हो / अहमद नदीम काज़मी
- सराहूंगा तेरे मन-मन के रूठ जाने को / अहमद नदीम काज़मी
- कौन जग में तिरा हमसर देखे / अहमद नदीम काज़मी
- दिल ने सदमे बहुत उठाए हैं / अहमद नदीम काज़मी
- फिर हसीनों पे' ऎतबार करें / अहमद नदीम काज़मी
- लबों पे नर्म तबस्सुम रचा के घुल जाएँ / अहमद नदीम काज़मी
- लपकेंगे पलट के फिर वहाँ से / अहमद नदीम काज़मी
- मैं कब से गोश बर-आवाज़ हूँ पुकारो भी / अहमद नदीम काज़मी